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यादों के झरोखे से लेखनी कहानी मेरी डायरी-14-Nov-2022 भाग 26


      संजय गांधी नेशनल पार्क

अब हम अगले दिन बोरीबली में स्थित संजय गांधी नेशनल पार्क देखने गये हम यहाँ पहले भी बहुत बार जा चुके है यहाँ की ट्रैन में घूमना भी अच्छा लगता है।

     यहाँ चार पांच मिनी बसे चलती है जो शैर के दर्शन कराती है। हमभी उस बस से  शेर को देख चुके है। इस को बनबाने का इतिहास निम्न प्रकार बताया जाता है

          संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान महाराष्ट्र राज्य के सबसे बड़े नगर मुंबई के बोरीवली में स्थित है संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना सन् 1996 में की गई थी यह महाराष्ट्र राज्य के सबसे प्रमुख राष्ट्रीय उद्यानों में से  एक है

      इस राष्ट्रीय के केन्द्र में कन्हेरी गुफाएं हैं जिसका निर्माण बौद्ध भिक्षुओं द्वारा किया गया था |

                   बताया जाता है1942 में बॉम्बे राष्ट्रीय उद्यान एक्ट के तहत तुलसी और विहार झीलो के जलग्रहण क्षेत्रों का अधिग्रहण किया गया और कृष्णगिरी राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना की गई उस समय इस राष्ट्रीय उद्यान का क्षेत्रफल लगभग 20 वर्ग किलोमीटर था |


सन् 1996 में इस राष्ट्रीय उद्यान का नाम बदलकर संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान कर दिया गया और इसी वर्ष ठाणे डिवीजन के कुछ जंगलो को इस राष्ट्रीय उद्यान में शामिल कर दिया गया इसके बाद इस राष्ट्रीय उद्यान का कुल क्षेत्रफल 103.84 वर्ग किलोमीटर हो गया।

            संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान अनेक प्रकार के दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियों के जानवरों एवं क‌ई प्रकार के लुप्तप्राय वनस्पति के लिए के लिए एक आकर्षण का केंद्र है। इस राष्ट्रीय उद्यान में चित्तीदार हिरण , ब्लैक नेप्ड हेयर , बार्किंग डीयर , साही , पाम सिवेट , माउस डीयर , रिसस मेकाक , बोनेट मेकाक , लंगूर , भारतीय लोमड़ी और सांभर आदि वन्यजीव देखने को मिलते है । 

इस राष्ट्रीय उद्यान में 38 प्रकार के सरीसृपों की प्रजातियाँ पा‌ई जाती है जिसमें से इस राष्ट्रीय उद्यान में कोबरा , रसेल वाइपर , बैम्बू पिट वाइपर और सिलोनी कैट साँप जैसे क‌ई जहरीले सांंप पाए जाते है इसके साथ ही इस राष्ट्रीय उद्यान में क‌ई प्रकार के पक्षियों की प्रजातियां पाई जाती है इसके अतिरिक्त इस राष्ट्रीय उद्यान के तुलसी झील में घड़ियाल ( मगरमच्छ ) और पाइथन भी देखने को मिलते हैं । 

संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाने वाले वनस्पति
यह राष्ट्रीय उद्यान जानवरों के साथ-साथ कुछ विशेष प्रकार की वनस्पतियों के लिए भी एक आकर्षण का केंद्र है इस राष्ट्रीय उद्यान में अनेक प्रकार के लुप्तप्राय वनस्पतियों की प्रजातियां पाई जाती है इस राष्ट्रीय उद्यान में करीब 1000 से अधिक वनस्पतियों एवं पौधों की प्रजातियां पाई जाती है |

इस राष्ट्रीय उद्यान में कदंब, सागौन , बबूल और यूफोरबिएसि संघ के कुछ विशेष प्रकार के वृक्ष पाए जाते हैं इसके अलावा इस राष्ट्रीय उद्यान में कुछ विशेष प्रकार के फूल पाए जाते हैं जिसमें से कदंब, सागौन, यूफोरबिया लाल रेशमी कपास के फूल और कर्वी फूल शामिल है। 

      वहाँ घूमते हुए हम बहुत थक गये थे। यहां कच्चे आम को काटकर बेचने वाले बहुत है। अन्दर कैन्टीन में खाने के लिए समौसे बडा़ पाव भी मिलते है।

    शाम को सभी थककर घर बापिस आगये।

     अगली यात्रा का वर्णन कलके एपीसोड में धन्यवाद।

यादौ के झरोखे से२०२२

नरेश शर्मा " पचौर

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5 Comments

Radhika

05-Mar-2023 08:04 PM

Nice

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shweta soni

03-Mar-2023 10:03 PM

👌👌👌

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अदिति झा

03-Mar-2023 02:29 PM

👍🏼👍🏼

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